विद्यालय में कक्षा 6 से 8 तक के 43 छात्र पंजीकृत हैं। जब इस मर्जर की सूचना मिली तो प्रधानाध्यापक द्वारा बैठक आयोजित की गई, जिसमें बड़ी संख्या में अभिभावकों और ग्रामवासियों ने भाग लिया। बैठक के दौरान अभिभावकों ने यह स्पष्ट किया कि वे किसी भी स्थिति में अपने बच्चों को दूसरे स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं हैं।
अभिभावकों का कहना था कि यह विद्यालय ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के लिए सुविधाजनक है, और यहाँ शिक्षा की गुणवत्ता भी बेहतर है। मर्जर की स्थिति में बच्चों को दूसरे गांव के स्कूल जाना पड़ेगा, जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित होगी।
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