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समायोजन से संबंधित तथ्य



सचिव, उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज के आदेश पत्रांक बे०शि०प०/7697-7778/2025-26 दिनांक 01-07-2025 के अनुसार अर्ह अध्यापकों की समायोजन प्रक्रिया में कार्यमुक्त करने और कार्यभार ग्रहण कराने से संबंधित दिशा निर्देश दिए गए हैं इस आदेश में आरटीई अधिनियम को विशेष महत्व दिया गया है जिससे संबंधित महत्वपूर्ण बिंदु निम्नलिखित हैं

  • आरटीई के अनुसार प्राथमिक विद्यालयों में छात्र संख्या 60 तक होने की स्थिति में कम से कम दो सहायक अध्यापकों की नियुक्ति आवश्यक है

  • यदि किसी प्राथमिक विद्यालय में छात्र संख्या 150 के आसपास है और वहां एक पूर्णकालिक प्रधानाध्यापक तैनात है तो उस प्रधानाध्यापक को छात्र शिक्षक अनुपात की गणना में शामिल नहीं किया जाएगा यानी वह केवल प्रशासनिक पद पर कार्य करेगा

  • उदाहरण के रूप में यदि किसी विद्यालय में 25 छात्र हैं और वहां दो सहायक अध्यापक एक प्रधानाध्यापक और दो शिक्षामित्र कार्यरत हैं तो किसी भी सहायक अध्यापक को सरप्लस नहीं माना जाएगा

  • आरटीई के नियमों के अनुसार छात्र शिक्षक अनुपात की गणना में शिक्षामित्रों को शामिल नहीं किया जाता वे इस गणना से बाहर रहते हैं

  • उच्च प्राथमिक विद्यालय में आरटीई के अनुसार गणित और विज्ञान के लिए एक सहायक अध्यापक सामाजिक विज्ञान के लिए एक तथा भाषा विषय के लिए एक सहायक अध्यापक की नियुक्ति आवश्यक है

  • उच्च प्राथमिक विद्यालय में प्रति कक्षा 35 छात्रों पर एक शिक्षक की नियुक्ति का प्रावधान है यह अनुपात विद्यालय की कुल छात्र संख्या के आधार पर नहीं बल्कि प्रत्येक कक्षा के लिए निर्धारित है इसलिए चाहे छात्र संख्या दो ही क्यों न हो कम से कम तीन विषयवार सहायक अध्यापक नियुक्त होने चाहिए

  • उच्च प्राथमिक विद्यालय में यदि छात्रों की संख्या 100 या उससे अधिक है तो एक पूर्णकालिक प्रधानाध्यापक की नियुक्ति अनिवार्य है जिसे छात्र शिक्षक अनुपात की गणना में शामिल नहीं किया जाएगा

  • हाल के समायोजन में यदि किसी प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक को उच्च प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के रूप में समायोजित किया गया है और वहां पहले से ही उसी विषय का सहायक अध्यापक कार्यरत है तो ऐसे में उस प्रधानाध्यापक को वापस अपने मूल विद्यालय लौटना होगा

  • सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों और लंबित मामलों के आधार पर यह स्पष्ट किया गया है कि प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक को उच्च प्राथमिक विद्यालय में बिना विषय उपयुक्तता और आवश्यक शिक्षक पात्रता प्रमाण पत्र के सहायक अध्यापक के रूप में समायोजित नहीं किया जा सकता

  • यह सभी तथ्य एक अध्यापक के अनुभव और जानकारी पर आधारित हैं यदि किसी तथ्य में त्रुटि हो तो सुझाव आमंत्रित हैं

धन्यवाद

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