"प्रवेश निषेध" का निर्देश
बेसिक शिक्षा विभाग ने आदेश दिया है कि जर्जर भवनों की चारों दीवारों पर बड़े अक्षरों में "प्रवेश निषेध" लिखा जाए ताकि छात्र और शिक्षक वहां न जाएं। विभाग ने बीएसए को यह भी निर्देश दिया है कि स्कूल परिसरों की छतों की साफ-सफाई कराई जाए और जलजमाव, गंदगी व गोबर जैसी समस्याओं को दूर किया जाए।
ऊर्जा विभाग को भेजा पत्र
राज्य भर के करीब 8300 विद्यालयों के ऊपर से हाईटेंशन तार गुजर रहे हैं, जिससे विद्यार्थियों की सुरक्षा पर खतरा बना हुआ है। बेसिक शिक्षा विभाग ने इन तारों को हटाने के लिए ऊर्जा विभाग को पत्र भेजा है। अब एक अभियान चलाकर इन तारों को हटाने की कार्यवाही की जाएगी।
राज्य मंत्री ने दी चेतावनी
बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा, "बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। अगर किसी जर्जर भवन में पढ़ाई हुई और कोई दुर्घटना होती है तो संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होंगे। ऐसे भवनों में किसी भी प्रकार की शैक्षिक गतिविधि नहीं होने दी जाएगी।"
तकनीकी टीम करेगी मूल्यांकन
जिन स्कूलों के भवन जर्जर घोषित किए गए हैं, वहां तकनीकी समिति द्वारा सत्यापन कराया जाएगा। आवश्यकतानुसार इन भवनों को गिराकर पुनर्निर्माण की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। शासन का लक्ष्य है कि सत्र 2025-26 तक सभी खतरनाक भवनों को या तो तोड़ा जाए या उन्हें पूरी तरह से ठीक किया जाए।
ग्राम पंचायतों से समन्वय
बेसिक शिक्षा विभाग ने स्थानीय निकायों और ग्राम पंचायतों से भी समन्वय स्थापित करने का निर्णय लिया है ताकि स्कूल परिसरों की नियमित सफाई व मरम्मत कराई जा सके।

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