20 किमी दूर बीएलओ ड्यूटी से शिक्षक परेशान, पढ़ाई पर पड़ रहा असर
लखनऊ। निर्वाचक नामावलियों के सत्यापन कार्य के लिए माल, मलिहाबाद और काकोरी ब्लॉक के करीब 170 प्राथमिक शिक्षकों की ड्यूटी लखनऊ पश्चिम विधानसभा के शहरी क्षेत्रों में बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) के रूप में लगा दी गई है। इससे ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षक असमंजस में हैं और नाराजगी भी जाहिर कर रहे हैं।
शिक्षकों का कहना है कि जिन क्षेत्रों में उन्हें बीएलओ की जिम्मेदारी सौंपी गई है, वहां उनके विद्यालय से 20 किलोमीटर या उससे अधिक दूरी है। ऐसी स्थिति में वे न तो समय पर स्कूल पहुंच पा रहे हैं, और न ही बीएलओ का काम ठीक से कर पा रहे हैं।
“पढ़ाई चौपट हो जाएगी” — शिक्षक संघ
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के मंत्री वीरेंद्र सिंह ने इस निर्णय पर नाराजगी जताते हुए कहा कि इससे स्कूलों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा, “इस तरह की व्यवस्था से शिक्षण व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो जाएगी। शिक्षकों को इतनी दूर ड्यूटी पर भेजने से वे न तो बच्चों को पढ़ा पा रहे हैं और न ही बीएलओ का कार्य प्रभावी ढंग से कर पा रहे हैं।”
वीरेंद्र सिंह, जो काकोरी स्थित कंपोजिट विद्यालय भरोसा के प्रधानाध्यापक भी हैं, ने बताया कि उनके विद्यालय में कुल 12 शिक्षक हैं, जिनमें से 6 शिक्षकों को बीएलओ ड्यूटी में भेज दिया गया है। एक अन्य शिक्षक पहले से ही बीएसए कार्यालय से संबद्ध है। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि इतने शिक्षक ड्यूटी पर चले जाएंगे तो विद्यालय में शिक्षा व्यवस्था कैसे सुचारु रूप से चलेगी?
नगर क्षेत्र में शिक्षकों की कमी बनी समस्या
बीएसए राम प्रवेश ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और बताया कि शहरी क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी के चलते ग्रामीण ब्लॉकों के शिक्षकों को बीएलओ ड्यूटी के लिए बुलाया गया है। उन्होंने कहा,
“नगर क्षेत्र में बीएलओ के लिए पर्याप्त शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं। इसलिए माल, मलिहाबाद और काकोरी जैसे निकटवर्ती ग्रामीण ब्लॉकों से शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है।”
हालांकि उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि जिन शिक्षकों को अत्यधिक दूरी पर ड्यूटी दी गई है, उनकी स्थिति की समीक्षा की जाएगी।
“20 किलोमीटर या उससे अधिक दूरी वाले मामलों में ड्यूटी हटवाने का प्रयास किया जाएगा,” – राम प्रवेश, बीएसए
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