बीडीओ वेद प्रकाश ने बताया कि आरोपी शिक्षक गौरी शंकर, जो मध्य विद्यालय नौरंगा हिंदी में कार्यरत हैं, को मतदाता पुनरीक्षण कार्य से हटा दिया गया है। साथ ही, उसके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई और निलंबन हेतु जिला शिक्षा पदाधिकारी को संस्तुति भेजी गई है।
3 बीएलओ पर होगी एफआईआर, 14 को शोकॉज नोटिस
मानपुर मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण कार्य में लापरवाही बरतने पर वजीरगंज प्रखंड के कई बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी) पर बड़ी कार्रवाई की गई है। भूमि सुधार उप समाहर्ता ने तीन बीएलओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश जारी किया है, वहीं 14 अन्य अधिकारियों को शोकॉज नोटिस भेजा गया है। सूत्रों के अनुसार, 234 वजीरगंज विधानसभा क्षेत्र के बूथ संख्या 186, 240 और 241 के बीएलओ पर कार्य में घोर शिथिलता के आरोप लगे हैं, जिसके चलते उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश जारी हुआ है। साथ ही बूथ संख्या 169, 173, 177, 181, 182, 183,
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया व सवाल
घटना के बाद इलाके में चर्चाओं का बाजार गर्म है। कई स्थानीय लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि यह तो केवल एक उदाहरण है-ऐसे कई बीएलओ चुपचाप इसी तरह अवैध वसूली में लिप्त हैं। अगर उच्चाधिकारियों द्वारा गंभीरता से जांच की जाए, तो और भी मामले सामने आ सकते हैं। लोगों की उत्सुकता इस बात को लेकर है कि प्रशासन इस मामले में कितना सख्त कदम उठाएगा-क्या यह केवल खानापूर्ति बनकर रह जाएगा या भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मिसाल पेश की जाएगी?
195, 198, 235, 238, 243, 303, 304 और 314 के बीएलओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। यह निर्देश भूमि सुधार उप समाहर्ता द्वारा पत्र संख्या 89/14-07-2025 के माध्यम से जारी किया गया, जिसके बाद कर्मचारियों में खलबली मच गई है। नाम न छापने की शर्त पर कुछ अधिकारियों ने बताया कि बीएलओ लगातार क्षेत्र में कार्यरत हैं और दंडात्मक कार्रवाई से कर्मचारियों का मनोबल प्रभावित हो सकता है। प्रशासन की इस सख्त कार्रवाई को लेकर क्षेत्र में चर्चा तेज है, वहीं अधिकारियों को समय पर कार्य निष्पादन की सख्त हिदायत भी दी गई है।
क्या है पूरा मामला?
घटना वजीरगंज विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र संख्या 119 की है, जो मध्य विद्यालय नौरंगा उर्दू में स्थित है। यहां पर मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण कार्य चल रहे थे। आरोप है कि बीएलओ गौरी शंकर मतदाता फॉर्म ऑनलाइन करने के बदले ₹20 प्रति प्रपत्र की अवैध वसूली कर रहे थे। स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया और वीडियो बनाकर रिश्वतखोरी को उजागर किया। सूत्रों के अनुसार, वीडियो सामने आने और विरोध के बाद बीएलओ ने वसूला गया पैसा लौटा दिया।
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