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डीएम-बीएसए की टीमें करें स्कूलों का निरीक्षण : योगी

 

डीएम-बीएसए की टीमें करें स्कूलों का निरीक्षण : मुख्यमंत्री योगी

लखनऊ।
प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में व्याप्त अव्यवस्थाओं और जर्जर भवनों की खबरों को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा है कि जिलों में जिलाधिकारी (DM) और बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) की अगुवाई में विशेष टीमें गठित कर विद्यालयों का भौतिक निरीक्षण कराया जाए।


मुख्यमंत्री ने सोमवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विद्यालयों की भौतिक स्थिति की व्यापक और सघन समीक्षा की जाए। निरीक्षण के बाद हर जिले से विस्तृत रिपोर्ट शासन को भेजी जाए

मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में प्रदेश के कई परिषदीय विद्यालयों की दुर्दशा को लेकर अखबारों में खबरें प्रकाशित हुई हैं। विशेषकर 'हिन्दुस्तान' में विद्यालयों की गंदगी, जर्जर भवन और अव्यवस्था को लेकर प्रमुखता से रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी। इसी को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक बुलाई और अधिकारियों को ज़मीनी कार्यवाही के निर्देश दिए।

ये बिंदु होंगे जांच के केंद्र में

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि कोई भी विद्यालय जर्जर, गंदा या सुविधाविहीन न रहे। निरीक्षण के दौरान निम्न बिंदुओं पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है:

  • भवन की मजबूती और सुरक्षा

  • पेयजल की व्यवस्था

  • शौचालयों की स्थिति

  • बिजली की उपलब्धता

  • बच्चों के बैठने के लिए फर्नीचर

  • रंगाई-पुताई व साफ-सफाई

  • रैम्प की सुविधा

  • पुस्तकालय व स्मार्ट क्लास की व्यवस्था

उन्होंने कहा कि जहाँ भी खामियाँ पाई जाएं, वहाँ तत्काल मरम्मत या पुनर्निर्माण का कार्य शुरू किया जाए और संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए।

जर्जर भवनों में न हो कक्षाएं

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि जिन विद्यालयों के भवन पूर्णत: जर्जर हैं, वहाँ बच्चों को अस्थायी रूप से किसी सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया जाए। मरम्मत और पुनर्निर्माण का कार्य विभागीय बजट और CSR फंड से कराया जाए। इसके लिए सांसदों, विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों को भी योजना में शामिल किया जाए।

प्राथमिक विद्यालय भविष्य की नींव हैं

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्राथमिक विद्यालय केवल इमारतें नहीं, बल्कि समाज के भविष्य की नींव हैं। इनकी उपेक्षा नहीं की जा सकती। राज्य सरकार ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ के तहत पहले ही 96% विद्यालयों में शौचालय, पुस्तकालय, बिजली और स्मार्ट क्लास जैसी सुविधाएं उपलब्ध करा चुकी है।

नामांकन में भी दिख रहा असर

सरकार की कोशिशों का असर प्रदेश के स्कूलों में नामांकन के आंकड़ों में भी दिख रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि आरटीई (RTE) के तहत वर्ष 2024-25 में अब तक 4.58 लाख बच्चों का नामांकन हुआ है, जो कि लोगों के शिक्षा व्यवस्था पर भरोसे को दर्शाता है।

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