प्रयागराजः
उत्तर प्रदेश शैक्षिक (सामान्य शिक्षा संवर्ग) सेवा नियमावली में पंचम संशोधन के तहत निरीक्षण संवर्ग (खंड शिक्षा अधिकारी - BEO) के पदों में पदोन्नति कोटा 17% से बढ़ाकर 34% कर दिए जाने पर राजकीय शिक्षकों ने नाराजगी जताई है। शिक्षकों का कहना है कि यह संशोधन उनके हितों के खिलाफ है और इससे राजकीय शिक्षकों को भारी नुकसान होगा।
राजकीय शिक्षक संघ ने इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र भेजकर मांग की है कि इस मुद्दे पर सदन में चर्चा कराई जाए और एक उच्चस्तरीय समिति गठित कर राजकीय शिक्षकों का पक्ष भी सुना जाए। उन्होंने आग्रह किया है कि इस फैसले पर पुनर्विचार करते हुए तभी पदोन्नति की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाए।
शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद पाण्डेय और कार्यकारी महामंत्री अरुण यादव द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है कि शिक्षण कैडर में पुरुष शाखा के प्रधानाध्यापकों की संख्या 768 तथा महिला शाखा में 804 है। दोनों के लिए 33-33 प्रतिशत पदोन्नति कोटा निर्धारित है। इसके विपरीत निरीक्षण संवर्ग में कम वेतनमान वाले बीईओ के 1031 पद हैं, जिनका कोटा संशोधित कर 34% कर दिया गया है, जो पहले मात्र 17% था।
उन्होंने यह भी बताया कि निरीक्षण संवर्ग में पदोन्नति के लिए केवल 1031 हितधारक हैं, जबकि शिक्षण संवर्ग में यह संख्या लगभग 31,000 है। ऐसे में निरीक्षण संवर्ग का पदोन्नति कोटा बढ़ाना असंतुलन पैदा करता है।
पत्र में यह भी सुझाव दिया गया है कि यदि दोनों संवर्गों (शिक्षण व निरीक्षण) को मिलाकर पदोन्नति व्यवस्था को लागू करना अपरिहार्य है, तो BEO के पदों का समायोजन शैक्षिक संवर्ग के प्रवक्ता पद के अनुरूप किया जाए और इन पदों पर 50% पदोन्नति एलटी ग्रेड शिक्षकों (महिला/पुरुष) से की जाए।

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