1. अत्यधिक कार्यभार
लगभग 76% शिक्षक मानते हैं कि इस पेशे में काम का बोझ अत्यधिक है। पढ़ाई के साथ-साथ गैर-शैक्षणिक कार्यों का दबाव भी लगातार बढ़ता जा रहा है।
2. पेशा सम्मान नहीं पा रहा
अधिकांश शिक्षकों का मानना है कि उनके कार्य की समाज में वह प्रतिष्ठा नहीं रह गई है जो पहले हुआ करती थी। दिन-ब-दिन शिक्षकों के प्रति सम्मान में गिरावट देखने को मिल रही है।
3. सेवा शर्तों में अस्थिरता
शिक्षकों की सेवा शर्तों में बार-बार बदलाव किए जाते हैं जिससे वे असुरक्षित महसूस करते हैं। इसके अलावा उनके कार्यों में अत्यधिक हस्तक्षेप किया जाता है।
4. छात्रों का बदलता व्यवहार
वर्तमान में छात्रों का व्यवहार भी बदल चुका है, जिससे कई शिक्षक बच्चों पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे पाते। यह स्थिति भी उनके मनोबल को प्रभावित करती है।
5. हर गलती के लिए शिक्षक जिम्मेदार
समय-समय पर आने वाले जांच दल अक्सर हर गलती के लिए शिक्षकों को ही दोषी ठहराते हैं। यह रवैया शिक्षकों को अपमानजनक लगता है और वे इस पेशे से दूर होने लगते हैं।

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