लखनऊ। प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को तेजी से लागू करने में जुट गया है। इसके तहत सभी प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों में छह वर्ष तक के बच्चों के लिए बाल वाटिका शुरू करने की योजना बनाई गई है। लक्ष्य है कि 2026 तक हर प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालय में इसका संचालन शुरू हो जाए।
एनईपी के अनुसार, प्राथमिक शिक्षा से पहले तीन से छह साल के बच्चों को पूर्व-प्राथमिक शिक्षा अनिवार्य रूप से दी जानी चाहिए। इसी उद्देश्य से सभी विद्यालयों में बाल वाटिका की स्थापना की जा रही है। वर्तमान में प्रदेश में 1,11,621 प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालय हैं, जिनमें से 70,494 विद्यालयों में को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं, जहां पहले से ही बाल वाटिकाएं चल रही हैं।
वहीं, विद्यालयों के विलय की मौजूदा प्रक्रिया के चलते खाली हो रहे लगभग 7-8 हजार स्कूलों में 15 अगस्त से बाल वाटिका शुरू करने की तैयारी है। इसके अलावा, शेष लगभग 35 हजार विद्यालय, जहां आंगनबाड़ी केंद्र नहीं हैं, वहां भी जल्द ही बाल वाटिकाओं की शुरुआत होगी।
शिक्षा विभाग का लक्ष्य है कि अगले साल तक सभी विद्यालयों में बाल वाटिकाएं स्थापित कर दी जाएं। इसी दिशा में, शिक्षा मंत्रालय से स्वीकृति मिलने के बाद, इन बच्चों को पढ़ाने के लिए विभाग ने पिछले वर्ष से अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन (ECCE) एजुकेटर्स की भर्ती शुरू की है। इस साल भी 8,800 नए एजुकेटर्स की भर्ती की स्वीकृति मिल चुकी है और उनकी नियुक्ति प्रक्रिया जारी है।
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