मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े रुख के बाद प्रदेश के जर्जर परिषदीय स्कूल भवनों के कायाकल्प की प्रक्रिया को अब तेज़ी से आगे बढ़ाया जाएगा। मौजूदा वित्तीय वर्ष में पुनर्निर्माण और मरम्मत के लिए चयनित 1590 विद्यालय भवनों का कार्य बरसात के बाद प्रारंभ किया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग ने लक्ष्य तय किया है कि यह कार्य मार्च 2026 तक हर हाल में पूरा कर लिया जाए।
जानकारी के अनुसार, चयनित भवनों में से 557 स्कूल भवनों का पुनर्निर्माण तथा 1033 भवनों की मरम्मत की जाएगी। इस योजना पर करीब 150 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मरम्मत और निर्माण की प्रक्रिया की तैयारी पूरी कर ली गई है और जैसे ही मानसून का असर कम होगा, कार्य को धरातल पर उतार दिया जाएगा।
इस संबंध में बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी जर्जर भवन में यदि कोई दुर्घटना होती है, तो संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) जिम्मेदार होंगे। उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने भी निर्देश दिए हैं कि जिन स्कूल भवनों की स्थिति अत्यंत जर्जर है, उनकी फिल्ड जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए और तत्परता से निर्माण की कार्रवाई शुरू की जाए।
उल्लेखनीय है कि दैनिक जागरण द्वारा विद्यालयों की जर्जर स्थिति को लेकर लगातार समाचार अभियान चलाया गया था। इसी के आधार पर शासन ने इस दिशा में गंभीर रुख अपनाया और योजना को अमल में लाने की प्रक्रिया तेज की गई।
शासन का प्रयास है कि भविष्य में किसी भी छात्र को जर्जर भवन में पढ़ने की मजबूरी न हो और सभी को एक सुरक्षित व सुविधाजनक शैक्षिक वातावरण उपलब्ध कराया जा सके।

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