इस निर्णय की जानकारी जैसे ही छात्रों को दी गई, बच्चों की आंखें नम हो गईं और वे भावुक होकर रोने लगे। कुछ बच्चों के रोते हुए दृश्य किसी ने कैमरे में कैद कर सोशल मीडिया पर साझा कर दिए, जो देखते ही देखते वायरल हो गए। हालांकि वायरल वीडियो की पुष्टि संवाद न्यूज एजेंसी द्वारा नहीं की गई है।
भलुई विद्यालय में कुल 38 बच्चों का नामांकन था। जब बच्चों को बताया गया कि यह उनके स्कूल का आखिरी दिन है और अब उन्हें करीब दो किलोमीटर दूर करनौली विद्यालय में जाना होगा, तो वे गमगीन हो गए। विशेष रूप से कक्षा चार की दिव्यांग छात्रा आकृति गिरी का रोते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर लोगों को भावुक कर गया।
जिले में कुल 295 ऐसे परिषदीय विद्यालय हैं, जिनमें नामांकन 50 से कम है। इन्हें विभागीय निर्देशों के तहत पास के अन्य विद्यालयों में समायोजित किया जा रहा है, ताकि शैक्षणिक गुणवत्ता और संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित हो सके।
हालांकि प्रशासन का उद्देश्य शिक्षा को केंद्रीकृत और प्रभावी बनाना है, परंतु बच्चों का अपने विद्यालय से जुड़ाव और भावनात्मक प्रतिक्रिया इस प्रक्रिया की मानवीय चुनौती को उजागर करता है।
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