लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार अब दिव्यांग छात्राओं को पढ़ाई के लिए आर्थिक सहायता देगी। परिषदीय एवं कंपोजिट विद्यालयों में कक्षा एक से आठ तक की पढ़ाई कर रही दिव्यांग बालिकाओं को ₹200 प्रतिमाह की दर से छात्रवृत्ति (स्टाइपेंड) दी जाएगी। अधिकतम 10 महीने तक दी जाने वाली इस सहायता राशि का सीधा लाभ 26,215 छात्राओं को मिलेगा।
इस योजना के तहत सरकार ने कुल ₹5.24 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है, जो लाभार्थियों के बैंक खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से भेजी जाएगी। योजना का लाभ लेने के लिए छात्रा के पास किसी मान्यता प्राप्त मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी कम से कम 40 प्रतिशत दिव्यांगता का प्रमाणपत्र होना अनिवार्य होगा।
बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा सभी विद्यालयों से आवश्यक दस्तावेज़ जुटाए जा रहे हैं। इसके बाद दस्तावेजों का सत्यापन प्रेरणा, समर्थ और PFMS (Public Financial Management System) पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। पात्रता की जांच जिला स्तर पर गठित चार सदस्यीय समिति द्वारा की जाएगी, जिसकी अध्यक्षता संबंधित जिले के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) करेंगे।
समिति द्वारा अंतिम सूची तैयार करने के बाद डिजिटल सत्यापन कर उसे पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। सरकार ने सभी भुगतानों को 30 सितंबर तक पूरा करने का निर्देश दिया है।
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि यह योजना दिव्यांग छात्राओं को न सिर्फ पढ़ाई में मदद करेगी, बल्कि उन्हें समाज में आत्मसम्मान के साथ जीने और आत्मनिर्भर बनने का अवसर भी देगी। उन्होंने यह भी कहा कि स्मार्ट क्लास की तरह यह पहल भी शिक्षा को समावेशी और सुलभ बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है।
शासन की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या दोहरा भुगतान पाए जाने पर संबंधित अधिकारी जवाबदेह होंगे।
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